ऐसी अभिक्रिया जिसमें अभिक्रिया के फलस्वरूप बना कोई पदार्थ स्वयं उत्प्रेरक का कार्य करने लगता है, स्वः उत्प्रेरक कहलाता है तथा इस घटना को स्वः उत्प्रेरण कहते हैं।
उदाहरणार्थ– एथिल ऐसीटेट के जल-अपघटन के फलस्वरूप बना ऐसीटिक अम्ल स्व: उत्प्रेरक बन जाता है।
