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in Class 12 by kratos

इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर नाइट्रोजन वर्ग (पाँचवे वर्ग) के तत्त्वों की आवर्त सारणी में स्थिति की विवेचना कीजिए।

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by kratos
 
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नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, आर्सेनिक, ऐण्टिमनी तथा बिस्मथ को आवर्त सारणी के V-A उपसमूह में रखा गया है। इन तत्त्वों को नाइट्रोजन परिवार के तत्त्व कहते हैं। इन्हें प्रायः निक्टोजन (Pnictogen) भी कहते हैं। ये तत्त्व p-ब्लॉक के तत्त्व हैं। इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न प्रकार है –

सभी तत्त्वों के बाहरी कोश में 5 इलेक्ट्रॉन हैं और बाह्यतम कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2 np3 है। भीतर के सभी उपकोश पूर्ण हैं। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में समानता होने के कारण इनको एक ही उपसमूह में रखा जाना उचित है। इनके गुणों में समानता तथा उनमें क्रमिक परिवर्तन तत्त्वों को एक ही उपवर्ग में रखे जाने की पुष्टि करते हैं।

गुणों में समानता

  1. इन तत्त्वों की मुख्य संयोजकता 3 तथा 5 है।

  2. ये (N2 को छोड़कर) स्वतन्त्र अवस्था में नहीं पाये जाते हैं।

  3. N2 के अतिरिक्त सभी ठोस हैं।

  4. N2 को छोड़कर सभी अपररूपता प्रदर्शित करते हैं।

  5. ये सभी हाइड्राइड बनाते हैं और सभी सहसंयोजक यौगिक हैं; जैसे- NH3, PH3, AsH3, SbH3 तथा BiH3.

  6. ये सभी बहु-परमाणुकता प्रकट करते हैं।

  7. ये सभी M2O3 तथा M2O5 प्रकार के ऑक्साइड बनाते हैं। नाइट्रोजन N2O, NO, NO2 प्रकार के भी ऑक्साइड बनाती है।

  8. ये सभी MX3 प्रकार के हैलाइड बनाते हैं, जिनका जल-अपघटन हो जाता है।

  • NCl3 +3 H2O → NH3 ↑ + 3HOCl

गुणों में क्रमिक परिवर्तन – परमाणु क्रमांक बढ़ने के साथ-साथ ऊपर से नीचे की ओर चलने पर

  1. परमाणु त्रिज्या तथा इलेक्ट्रॉन बन्धुता बढ़ती है।

  2. आयनन विभव तथा ऋण-विद्युतता घटती है।

  3. धात्विक लक्षण बढ़ता है।

  1. इनके क्वथनांक तथा घनत्व क्रमशः बढ़ते हैं।

  2. इनके ऑक्साइडों का अम्लीय लक्षण घटता है।

  1. जबकि नाइट्रोजन के ऑक्साइडों में अम्लीय प्रकृति का क्रम इस प्रकार है –
  • N2O < NO < N2O3 < N2O4 < N2O5
  1. हाईड्राइडों का स्थायित्व घटता है, विषैलापन बढ़ता है और क्षारीय गुण घटता है, जबकि अम्लीय गुण बढ़ता है।

  1. इनके गलनांक व क्वथनांक NH3 से SbH3 तक घटते हैं, जबकि अपचायक क्रम इस प्रकार है –
  • BiH3 > SbH3 > AsH3 > PH3
  1. इन सभी में sp3 -संकरण होता है और पिरेमिड ज्यामिति होती है, परन्तु बन्ध कोण NH3 से BiH तक घटता है।

  2. इनके ऑक्सी-अम्लों की प्रबलता घटती है।

  • HNO3 > H3PO4 > H3AsO4 > H3SbO4 > H3BiO4
  1. इनके हैलाइडों का स्थायित्व N से ** तक बढ़ता है तथा वाष्पशीलता घटती है। अतः ये ट्राइहैलाइड बनाते हैं।

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