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in Class 12 by kratos

कक्षा ग्यारहवीं में जो आप पढ़ चुके हैं, उसके आधार पर क्या आप बता सकते हैं कि आण्विक आकार के आधार पर एन्जाइम बड़े हैं या डी०एन०ए०। आप इसके बारे में कैसे पता लगाएँगे?

या

एन्जाइम (विकर) पर टिप्पणी लिखिए।

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by kratos
 
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एन्जाइम्स (enzymes) प्रोटीन्स होते हैं। प्रोटीन्स अणु अत्यधिक जटिल संरचना वाले वृहदाणु होते हैं। इनका निर्माण ऐमीनो अम्लों से होता है। प्रकृति में लगभग 300 प्रकार के ऐमीनो अम्ल पाए जाते हैं, किन्तु इनमें से केवल 20 ऐमीनो अम्ल ही जन्तु एवं पादप कोशिकाओं में पाए जाते हैं। ऐमीनो अम्ल श्रृंखलाबद्ध होकर परस्पर पेप्टाइड बन्ध द्वारा जुड़े रहते हैं। प्रत्येक प्रोटीन अणु की पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला में ऐमीनो अम्लों का क्रम विशिष्ट प्रकार का होता है। प्रोटीन्स का आण्विक भार बहुत अधिक होता है। विभिन्न ऐमीनो अम्ल से बनने वाली प्रोटीन्स विभिन्न प्रकार की होती हैं। हमारे शरीर में लगभग 50,000 प्रकार की प्रोटीन्स पायी जाती हैं।

डी०एन०ए० के जैविक-वृहदाणु (biological macromolecules) जटिल संरचना वाले होते हैं। ये प्रोटीन्स (एन्जाइम) से भी बड़े जैविक गुरुअणु होते हैं। इनका अणुभार 106 से 109 डाल्टन तक होता है। डी०एन०ए० अणु पॉलिन्यूक्लिओटाइड श्रृंखला से बना होता है। डी०एन०ए० से कम अणुभार वाले m-RNA, t-RNA तथा r-RNA का निर्माण होता है। आर०एन०ए० प्रोटीन संश्लेषण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आर०एन०ए० संश्लेषण हेतु डी०एन०ए० अणु विभिन्न स्थान पर द्विगुणित होकर छोटी-छोटी अनुपूरक श्रृंखलाएँ अर्थात् राइबोन्यूक्लिओटाइड अम्ल का एक छोटा अणु बनाती हैं। इन्हें प्रवेशक(primers) कहते हैं। आर०एन०ए०:प्रवेशकों के संश्लेषण का उत्प्रेरण आर०एन०ए० पॉलिमरेज(RNA polymerase) एन्जाइम करत है।

आर०एन०ए० अणु प्रोटीन संश्लेषण के काम आते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि डी०एन०ए० अणु प्रोटीन्स (एन्जाइम्स) से भी बड़े अणु होते हैं।

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