अंबेडकर ने पीड़ित समाज के कष्टों को अहिंसात्मक तरीकों से दूर करने का निर्णय किया। उन्होंने वंचित एवं पीड़ित समाज को जागरूक करना आरंभ किया। उन्होंने ‘मूकनायक’ नामक पत्र निकाला। उन्होंने महाड़ नामक स्थान पर तालाब से पानी लेने पर दलित समाज पर पाबंदी के खिलाफ ‘महाड़ सत्याग्रह’ किया। डॉ. अंबेडकर गोल मेज सम्मेलन में ‘पृथक निर्वाचन’ का। अधिकार दलितों के लिए प्राप्त करने में सफल रहे।