समाचार पत्र नियत तिथि पर छपनेवाली पुस्तिका को कहते हैं, जिसमें देश – विदेश के समाचार छपे रहते हैं। आजकल समाचार पत्रों में केवल समाचार ही नहीं बल्कि उनमें सुधार की बातें भी रहती हैं। विभिन्न विषयों पर निबंध लिखे रहते हैं। समाचार पत्र साप्ताहिक, दैनिक, पाक्षिक और मासिक कई प्रकार के होते हैं। देश विदेश के समाचार अधिकतर दैनिक पत्रों में मिलते हैं।
समाचार पत्रों से बहुत लाभ हुए हैं। हम घर बैठे ही देश – विदेश के समाचार प्रतिदिन पा सकते हैं। प्रतिदिन संसार में होनेवाली घटनाओं का विवरण हमें समाचार पत्रों द्वारा प्राप्त होता है। इनमें सुधार की अनेक बातें लिखी होती हैं जिनको पढ़कर मनुष्य – जाति उन्नति की ओर बढ़ती है। इनमें विज्ञापन आदि छपवाकर अपनी वस्तुओं का प्रचार भी किया जा सकता है। देश – विदेश का बाजार भाव, जलवायु वहाँ के निवासियों का व्यक्तिगत जीवन आदि की बातें समाचार पत्रों द्वारा ही प्राप्त होती हैं। जब हमारे पास कोई साथी नहीं होता उस समय समाचार पत्र पढ़ने से हमें अकेलेपन का अनुभव नहीं होता, ऐसा मालुम होता है मानो मित्र से ही बातें कर रहे हैं।
आज समाचार पत्र जनता के प्रतिनिधि हैं। जनता की आवाज को सरकार तक और सरकार का आदेश जनता तक पहुँचाने का काम समाचार पत्र ही करते हैं। कानून का विरोध करना, मत तैयार करना, लोगों को संगठित करना आदि काम आजकल समाचार पत्र द्वारा ही होते हैं। समाचार पत्र ही अनुचित कार्यों को रोकता है और लोगों की राय से उचित मार्ग बताता है।
समाचार पत्र मनोरंजन के साधन हैं। विज्ञान के आविष्कार समाचार पत्रों में छपते हैं। समाचार पत्र पढ़ने से सहकारिता की भावना बढ़ती है। देश – देश के बीच मैत्री की भावना का विकास होता है।
समाचार पत्रों को निष्पक्ष होकर न्याय – अन्याय, उचित – अनुचित, भले – बुरे का निर्णय करना चाहिए। आपसी भेद – भाव दूर करने में सरकार और जनता का माध्यम बनना चाहिए। शिक्षा के साथ – साथ हमारे देश में समाचार पत्रों की तेजी से वृद्धि हो रही है। लेकिन पढ़नेवाले अन्य देशों की अपेक्षा हमारे यहाँ बहुत कम हैं। साक्षरता बढ़ाने से यह कमी दूर हो जाएगी।