बसंत ईमानदार लडका हैं। वह गरीब जरूर है किन्तु वह भीख माँगना नहीं चाहता। अपने से बने कार्य करता हैं। छोटी – छोटी चीजों को बेचना चाहता हैं। राजकिशोर दो पैसे देने के लिए तैयार भी थे। किन्तु बसंत उसे साफ इनकार कर कहा कि – मैं भीख नहीं माँगूगा। दूसरी एक घटना है कि वह एक रूपया का छुटा लेने जाता है। उस के पैर मोटर के नीचे दब जाती हैं।
ऐसी संदर्भ में भी बसंत ने अपने छोटे भाई प्रताप को साढे चौदाह आने राजकिशोर को लौटाने के लिए भेजता हैं। इस से वसंत को ईमानदारी साबित होती हैं।