कृष्ण अपनी माँ से शिकायत करता है कि भाई उसे बहुत चिढाता है कि यशोदा माँ ने उसे जन्म नहीं दिया है बल्कि मोल लिया है। इसी गुस्से के कारण कृष्म बलराम के साथ खेलने नहीं जाता। वह बार बार कृष्ण से पूछता है कि उसके माता पिता कौन हैं ? नंद और यशोदा तो गोरे हैं लेकिन उसका रंग क्यों काला है ? बलराम की ऐसी हँसी-मजाक सुनकर कृष्ण को सब ग्वाला मित्र चुटकी बजा-बजाकर हँसते हैं। उन्हें बलराम ने ही ऐसा करना सिखाया है। कृष्ण माँ से कहता है कि माँ सिर्फ उसी को ही मारना सीखी है। वह कभी भाई पर गुस्सा नहीं करती। कृष्ण के क्रोधित मुख और बातों को सुनकर यशोदा माता खुश हो जाती है। वह कृष्ण को समाधान करती है कि बलराम जन्म से दृष्ट है। गोधन की कसम, वह ही कृष्ण की माता और कृष्ण उसका पुत्र है।