यह कथन अभियान दल के नेता कर्नल खुल्लर का है। इन शब्दो का उल्लेख उन्होने शेरपा कुली की मृत्यु के समाचार के बाद कहा था। उन्होने सदस्यों के उत्साहवर्धन करते हुए अभियान के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को वास्तविकता से परिचित करना चाहा। एवरेस्ट की चढ़ाई कोई आसान काम नहीं है यह जोखिम भरा अभियान होता है। यहाँ इतने खतरे हैं कि कभी कभी मृत्यु भी हो सकती है। इसके लिए तैयार रहना चाहिए विचलित नहीं होना चाहिए।