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by kratos

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by kratos
 
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Rubina lived……………………………….house hold work.

हिन्दी अनुवाद- रूबीना अपने माता पिता के साथ एक गाँव में रहती थी। उसके पिता एक कारखाने में काम करते थे। वह कक्षा 6 में पढ़ रही थी। वह कक्षा में हमेशा प्रथम आती थी।

एक दिन जब उसके पिता घर वापस आए, वह कमज़ोर महसूस कर रहे थे। उन्होंने अपनी पत्नी से कहा, “मैं एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त हूँ, और इस बीमारी का इलाज बहुत महँगा है।” यह सुनकर रूबीना की माँ बहुत दुखी हुई। सबीना के पिता को आराम की आवश्यकता थी, इसलिए उनके स्थान पर उसकी माँ ने कारखाने में काम करना शुरू कर दिया। रूबीना ने स्कूल जाना बंद कर दिया क्योंकि अधिकतर समय उसे अपने पिता की देखरेख में घर में बिताना होता था। वह अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित थी।

एक दिन कारखाने जाते हुए रास्ते में रूबीना और उसकी माँ को उसकी शिक्षिका मिलीं । शिक्षिका ने स्कूल में रूबीना की अनुपस्थिति का कारण पूछा। रूबीना ने कहा, “मैं स्कूल नही जा रही हूँ क्योंकि मेरे पिता बहुत बीमार हैं और काम करने में असमर्थ हैं।” उसकी माँ ने परिवार की मदद के लिए मिल में काम करना शुरू दिया था और उसे घरेलू काम करने के लिए घर में रहना आवश्यक था।

The teacher said ………………………… their daughter.

हिन्दी अनुवाद- शिक्षिका ने उसकी माँ से कहा, “तुम्हारे परिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना’ के अतंर्गत नामांकित होना चाहिए था। अगर ऐसा होता, तो तुम्हारे पति का इलाज इस योजना के अतंर्गत बिना पैसा खर्च किये हो सकता था।” शिक्षिका ने एक परामर्श और दिया कि सबीना को बालिका आवासीय विद्यालय में दाखिला लेना चाहिए। आवासीय विद्यालय में उसे मुफ्त शिक्षा, भोजन और छात्रावास सुविधा मिलेगी।

रूबीना की माँ ने शिक्षिका की सलाह मानी जिसकी वजह से उनके पति को अच्छा और मुफ्त इलाज मिला और वे शीघ्र ही बीमारी से उभर गए। आवासीय विद्यालय में बिना किसी रूकावट के सबीना अपनी शिक्षा पूरी कर सकी। रूबीना अपनी पढ़ाई में उत्तम भी रही। उसे एक विख्यात मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिला। उसे अपनी पढ़ाई करने के लिए छात्रवृति भी मिली। डॉक्टर बनने के बाद वह एक स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से जुड़ गई। बाद में, उसने कारखाना कर्मचारियों के बच्चों के लिए एक स्कूल खोला।।

एक दिन, अपने माता-पिता के साथ रूबीना अपनी उसी शिक्षिका के पास गई। उन्होंने शिक्षिका को अपना धन्यवाद व्यक्त किया। रूबीन के माता पिता को अपनी बेटी पर गर्व महसूस हुआ।

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