दिया है, A समस्त बहुभुजों का समुच्चय है। तथा R = { (p1, p2) : p1, p2, की भुजाओं की संख्या बराबर है।
(i) 1. R स्वतुल्य है, क्योंकि प्रत्येक बहुभुज की भुजाओं की संख्या स्वयं के समान होती है।
R सममित है, यदि बहुभुज p1, p2, की भुजाएँ n है तो बहुभुज p2 और p1,की भुजाएँ भी n ही होंगी।
R संक्रामक है, यदि बहुभुज p1, p2 औरp2, p3 प्रत्येक की n भुजाएँ है तो p1 और p3 की भुजाएँ भी n ही होंगी।
अतः
1, 2 तथा 3 से स्पष्ट है कि R स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक हैं।
अतः
R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
(ii) सभी त्रिभुजों का समुच्चय त्रिभुज T से सम्बन्धित है।