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in Class 12 by kratos

निम्नलिखित के लिए धातु के क्रिस्टल में संकुलन क्षमता की गणना कीजिए।

  1. सरल घनीय,

  2. अन्त:केन्द्रित घनीय,

  3. फलक-केन्द्रित घनीय।

(यह मानते हुए कि परमाणु एक-दूसरे के सम्पर्क में हैं।)

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by kratos
 
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सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता (Packing Efficiency in Simple Cubic Lattice)

सरल घनीय जालक में परमाणु केवल घन के कोनों पर उपस्थित होते हैं। घन के किनारों (कोरों) पर कण एक-दूसरे के सम्पर्क में होते हैं (चित्र-6)। इसलिए घन के कोर अथवा भुजा की लम्बाई ‘a’ और प्रत्येक कण का अर्द्धव्यास r निम्नलिखित प्रकार से सम्बन्धित होता है –

a = 2r

घनीय एकक कोष्ठिका का आयतन = a3 = (2r)3 = 8r3

चूँकि सरल घनीय एकक कोष्ठिका में केवल 1 परमाणु होता है।

अतः अध्यासित दिक्स्थान का आयतन = 4/3 πr3

∴ संकुलन क्षमता

  1. अन्तः केन्द्रित घनीय जालक में संकुलन क्षमता (Packing Efficiency in Body-centred Cubic Lattice)

संलग्न चित्र से यह स्पष्ट है कि केन्द्र पर स्थित परमाणु विकर्ण पर व्यवस्थित अन्य दो परमाणुओं के सम्पर्क में है।

काय विकर्ण 4r की लम्बाई 47 के बराबर है, जहाँ r गोले (परमाणु) का अर्द्धव्यास है क्योंकि विकर्ण पर उपस्थित तीनों गोले एक-दूसरे के सम्पर्क में हैं। अतः

अतः यह भी लिख सकते हैं कि

इस प्रकार की संरचना में परमाणुओं की कुल संख्या 2 है तथा उनका आयतन 2 x (4/3) πr3 है।

  1. फलक-केन्द्रित घनीय जालक में संकुलन क्षमता (Packing Efficiency in Face-centred Cubic Lattice) संलग्न चित्र से, Δ ABC में,

इस प्रकार की संरचना में परमाणुओं की कुल संख्या चार होती है तथा उनका आयतन 4 x 3/4 है।

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