+1 vote
in Class 12 by kratos

किसी आवेशित चालक की स्थितिज ऊर्जा के लिए व्यंजक U = 1/2 CV2

अथवा 1/2 (q2/C) प्राप्त कीजिए, जहाँ C चालक की धारिता, q चालक पर आवेशं तथा V उसका विभव है।

सिद्ध कीजिए कि E , जहाँ E = 1/2(q2/C) आवेशित चालक की ऊर्जा, q = चालक पर आवेश तथा C उसकी धारिता है। या सिद्ध कीजिए कि आवेशित संधारित्र की स्थितिज ऊर्जा U = 1/2 CV² होती है।

1 Answer

+1 vote
by kratos
 
Best answer

आवेशित चालक की स्थितिज ऊर्जा- किसी चालक को आवेशित करने में किया गया कार्य उसमें वैद्युत-स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है। चूंकि प्रारम्भ में चालक पर आवेश शून्य है; अतः चालक तल पर विभव भी शून्य होगा। जैसे-जैसे चालक को आवेश दिया जाता है, उसका विभव वैसे-वैसे बढ़ता जाता है, क्योंकि चालक का विभव उसे पर उपस्थित आवेश के अनुक्रमानुपाती होता है। माना चालक को कुल आवेश q कूलॉम देने पर उसका विभव V वोल्ट (बैटरी के विभव के बराबर) हो जाता है। हम यह मान सकते हैं कि चालक को आवेश देते समय उसका औसत विभव (0 + V) / 2 = V/2 रहा; अतः चालक को आवेशित करने में किया गया कुल कार्य

...