चुम्बकीय द्विध्रुव की ध्रुव सामर्थ्य तथा चुम्बक की प्रभावी लम्बाई के गुणनफल की चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। इसे ‘M’ से प्रकट करते हैं।
जब किसी चुम्बकीय द्विध्रुव को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखते हैं तो इस पर एक बल-युग्म का आघूर्ण कार्य करता है जो कि चुम्बकीय द्विध्रुव को बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में संरेखित करने का प्रयत्न करता है। अत: चुम्बकीय द्विध्रुव को चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से घुमाने – में कार्य करना पड़ता है। यह कार्य ही चुम्बकीय द्विध्रुव में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।
माना एक चुम्बकीय द्विध्रुव जिसका चुम्बकीय द्विध्रुव-आघूर्ण M है। एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B में क्षेत्र की दिशा से से कोण बनाते हुए स्थित है अत: चुम्बकीय द्विध्रुव पर कार्यरत बल-युग्म का आघूर्ण
τ = MB sin θ चुम्बकीय द्विध्रुव को इस स्थिति से अत्यन्त सूक्ष्म कोण dθ घुमाने में किया गया कार्य
dW = tdθ = MB sin θ dθ
इसी प्रकार चुम्बकीय द्विध्रुवे को चुम्बकीय क्षेत्र में अभिविन्यास θ1 से अभिविन्यास θ2 तक घुमाने में किया गया कार्य