माना पहली, दूसरी व तीसरी निकाल में अच्छा सन्तरा निकलने की घटनायें क्रमश: A, B व C है। तब अभीष्ट प्रायिकता = P(A ∩ B ∩ C)
अब P(A) = पहली निकाल में अच्छा सन्तरा निकलने की प्रायिकता = x पहली निकाल में एक अच्छा सन्तरा निकलने के बाद शेष सन्तरों की संख्या 14 है जिसमें 11 सन्तरे अच्छे हैं।
∴ P(B | A) = 11/14
दूसरी निकाल में भी एक अच्छा सन्तरा निकलने के बाद शेष सन्तरे 13 हैं जिसमें 10 सन्तरे अच्छे हैं।