गोपियाँ वाक्चतुर हैं। वे बात बनाने में किसी को भी पछाड़ देती हैं। यहाँ तक कि ज्ञानी उद्धव उनके सामने गैंगे होकर खड़े रह जाते हैं। कारण यह है कि गोपियों के हृदय में कृष्ण-प्रेम का सच्चा ज्वार है। यही उमड़ाव, यही जबरदस्त आवेग उद्धव की बोलती बंद कर देता है। सच्चे प्रेम में इतनी शक्ति है कि बड़े-से-बड़ा ज्ञानी भी उसके सामने घुटने टेक देता है।