धनुष टूटने से क्रोधित परशुराम ने राम से क्या कहा?
धनुष टूटने से क्रोधित परशुराम ने राम से कहा कि सेवक वह है जो सेवा का कार्य करे। शत्रुता का कार्य करके वैर ही मोल लिया जाता है। उन्होंने राम से यह भी कहा कि राम! जिसने भी शिव धनुष तोड़ा है वह सहस्रबाहु के समान मेरा दुश्मन है।