चाँदनी रात की सुंदरता को कवि ने निम्नलिखित रूपों में देखा है
• आकाश में फैली चाँदनी को पारदर्शी शिलाओं से बने सुधा मंदिर के रूप में, जिससे सब कुछ देखा जा सकता है।
• सफेद दही के उमड़ते समुद्र के रूप में।
• ऐसी फ़र्श जिस पर दूध का झाग ही झाग फैला है।
• आसमान को स्वच्छ निर्मल दर्पण के रूप में।