‘फटिक सिलानि सौं सुधार्या सुधा मंदिर के आधार पर सुधा मंदिर का चित्रण कीजिए।
चाँदनी रात में चारों ओर फैले उज्ज्वल प्रकाश में आसमान को देखने से ऐसा लगता है, जैसे पारदर्शी शिलाओं से बना हुआ कोई सुधा मंदिर हो। इसकी दीवारें पारदर्शी होने के कारण भीतर-बाहर सब कुछ अत्यंत सुंदर दिखाई दे रहा है। यह मंदिर अमृत की भाँति लग रहा है।