‘तुम ही खाली करने वाले’ के माध्यम से कवि अपने उन मित्रों से कहना चाहता है जो उससे आत्मकथा लिखने का आग्रह कर रहे हैं। कवि उनसे यह कहना चाहता है कि मेरी आत्मकथा में मेरे जीवन के कटु अनुभवों को सुनकर तुम यह न समझ बैठो कि मेरे जीवन को रसहीन बनाकर सूनापन भरने वाले तुम्हीं स्वयं हो।