कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को निम्नलिखित बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है
बच्चे की मुसकान से मृतक में भी जान आ जाती है।
यों लगता है मानो झोंपड़ी में कमल के फूल खिल उठे हों।
यों लगता है मानो चट्टानें पिघलकर जलधारा बन गई हों।
यों लगता है मानो बबूल से शेफालिका के फूल झरने लगे हों।