माँ ने कन्यादान के बाद अपनी बेटी को विदा करते समय निम्नलिखित सीख दी
• वह ससुराल में दूसरों द्वारा की गई प्रशंसा से अपने रूप-सौंदर्य पर आत्ममुग्ध न हो जाए।
• आग का उपयोग रोटियाँ पकाने के लिए करना। उसका दुरुपयोग अपने जलने के लिए मत करना।
• वस्त्र-आभूषणों के मोह में फँसकर इनके बंधन में न बँध जाना।
• नारी सुलभ गुण बनाए रखना पर कमजोर मत पड़ना।