+2 votes
in Class 10 by kratos

द्विवेदी जी ने स्त्री-शिक्षा विरोधी कुतर्को का खंडन करने के लिए व्यंग्य का सहारा लिया है; जैसे- ‘यह सब पापी पढ़ने का अपराध है। न वे पढ़तीं, न वे पूजनीय पुरुषों का मुकाबला करतीं।’ आप ऐसे अन्य अंशों को निबंध में से छाँटकर समझिए और लिखिए।

1 Answer

+5 votes
by kratos
 
Best answer

द्विवेदी जी ने स्त्री-शिक्षा विरोधियों के कुतर्को का खंडन करने के लिए व्यंग्य का सहारा लिया है। उनमें से कुछ व्यंग्य निम्नलिखित हैं

• अच्छा तो उत्तररामचरित में ऋषियों की वेदांतपत्नियाँ कौन-सी भाषा बोलती थीं? उनकी संस्कृत क्या कोई संस्कृत थी

• जिन पंडितों ने गाथा शप्तसती, सेतुबंधु महाकाव्य और कुमारपाल चरित आदि ग्रंथ प्राकृत में बनाए हैं, वे अपढ़ और गॅवार थे, तो हिंदी के प्रसिद्ध अखबार से संपादक को भी अपढ़ और गॅवार कहा जा सकता है।

• पुराने ग्रंथों में अनेक प्रगल्भ पंडिताओं के नामोल्लेख देखकर भी कुछ लोग भारत की तत्कालीन स्त्रियों को मूर्ख, अपढ़ और आँवार बताते हैं। इस तर्कशास्त्रज्ञता और न्यायशीलता की बलिहारी।

• स्त्रियों के लिए पढ़ना काल कूट और पुरुषों के लिए पीयूष का घूट।

...