KCN निम्न संरचनाओं का अनुनादी संकर होता है –
अत: CN– उभयदन्ती नाभिकस्नेही के रूप में कार्य करता है। अतः यह n – BuBr में C-Br आबन्ध के कार्बन परमाणु पर C या N परमाणु से आक्रमण करता है। चूंकि C-N आबन्ध, C-C आबन्ध से दुर्बल होता है अत: C पर आक्रमण होता है तथा n -ब्यूटिल सायनाइड बनता है।