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in Class 12 by kratos

ऐल्किल क्लोराइड की जलीय KOH से अभिक्रिया द्वारा ऐल्कोहॉल बनता है, लेकिन ऐल्कोहॉलिक KOH की उपस्थिति में ऐल्कीन मुख्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होती है। समझाइए।

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by kratos
 
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जलीय विलयन में KOH लगभग पूर्ण आयनित होकर OH– आयन देता है जो प्रबल नाभिकरागी होने के कारण ऐल्किल हैलाइडों पर प्रतिस्थापन अभिक्रिया करके ऐल्कोहॉल बनाते हैं। जलीय विलयन में OH–आयन उच्च जलयोजित होते हैं। इससे OH– आयनों का क्षारीय गुण घट जाता है जिससे ये ऐल्किल हैलाइड के β- कार्बन से हाइड्रोजन परमाणु पृथक्कृत करने में असफल हो जाते हैं तथा ऐल्कीन नहीं बना पाते।

दूसरी ओर KOH के ऐल्कोहॉली विलयन में ऐल्कॉक्साइड (RO–) आयन होते हैं जो OH– से प्रबल क्षार होने के कारण सरलतापूर्वक ऐल्किल क्लोराइड से HCl अणु का विलोपन करके ऐल्कीन बना लेते हैं।

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