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in Class 12 by kratos

विद्युत चुम्बकीय प्रेरण से क्या अभिप्राय है। किसी कुण्डली का स्वप्रेरण गुणांक 80 मिली हेनरी है। इस कुण्डली में कितने समय में धारा शून्य से बढ़कर 5 ऐम्पियर होने पर विद्युत वाहक बल 400 वोल्ट हो जायेगा?

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by kratos
 
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वैद्युत-चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction)- जब किसी कुण्डली तथा चुम्बक के बीच आपेक्षिक गति होती है तो कुण्डली में एक वि० वा० बल उत्पन्न हो जाता है, जिसे प्रेरित विद्युत वाहक बल कहते हैं। यदि कुण्डली एक बन्द परिपथ में है तो इस प्रेरित वि० वा० बल के कारण कुण्डली में वैद्युत धारा प्रवाहित होती है, जिसे प्रेरित धारा कहते हैं। इस घटना को वैद्युत-चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं।

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