वाइनिल क्लोराइड को निम्नलिखित संरचनाओं के अनुनादी संकर के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है –
अनुनाद के कारण C-Cl आबन्ध में कुछ द्विआबन्ध लक्षण आ जाते हैं। दूसरी ओर एथिल क्लोराइड में कार्बन-क्लोरीन आबन्ध शुद्ध एकल आबन्ध होता है। अतः वाइनिल क्लोराइड एथिल क्लोराइड की तुलना में धीमे जल-अपघटित होता है।