फीनॉल को निम्नलिखित संरचनाओं को अनुनादी संकर माना जाता है –
–OH समूह का + R प्रभाव बेन्जीन वलय पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ा देता है जिससे इलेक्ट्रॉनस्नेही की आक्रमण सरल हो जाता है। अतः –OH समूह की उपस्थिति से बेन्जीन वलय इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन क्रियाओं के प्रति सक्रियित होती है। चूंकि ऑथों तथा पैरा स्थानों पर इलेक्ट्रॉन घनत्व आपेक्षिक रूप से उच्च होता है, अत: इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन मुख्यत: ऑर्थों तथा पैरा स्थानों पर अधिक होता है।