अत: O–H आबन्ध में कम इलेक्ट्रॉन-घनत्व तथा FCH2COO– आयन के उच्च स्थायित्व के कारण FCH2COOH, CH3COOH की अपेक्षा एक प्रबल अम्ल है।
(ii) FCH2COO– आयन, Cl की तुलना में F के अधिक प्रबल -I प्रभाव के कारण ClCH2COO– आयन से अधिक स्थायी होता है। अत: ClCH2COOH की तुलना में FCH2COOH अधिक प्रबल अम्ल है।
प्रेरक प्रभाव दूरी के साथ घटता जाता है, इसलिए F– का -I प्रभाव, 4-फ्लुओरोब्यूटेनोइक अम्ल की तुलना में 3-फ्लुओरोब्यूटेनोइक अम्ल में अधिक प्रबल होता है। इसलिए FCH2CH2CH2COOH की तुलना में CH3CHFCH2COOH प्रबल अम्ल है।
इसलिए, CH3– C6H4COO– (p) आयन से F3C-C6H4-COO– (p) आयन के अधिक स्थायी होने के कारण F3C-C6H4-COOH (p) प्रबल अम्लीय है।