प्रयोगशाला विधि प्रयोगशाला में नाइट्रोबेन्जीन बेन्जीन को सान्द्र नाइट्रिक अम्ल और सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के मिश्रण के साथ 50- 60°C ताप पर गर्म करके बनाते हैं।
विधि :
एक गोल पेंदी के फ्लास्क में बेन्जीन (60 मिली) लेकर उसमें धीरे-धीरे सान्द्र नाइट्रिक अम्ल (60 मिली) और सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल (90 मिली) का ठण्डा मिश्रण मिलाते हैं। फ्लास्क में एक सीधा खड़ा हुआ वायु संघनित्र लगाकर मिश्रण को जल-ऊष्मक पर 50- 60°C पर लगभग 1 घण्टे तक गर्म करते हैं। नाइट्रोबेन्जीन बनती है और अम्ल के ऊपर पीले रंग के द्रव की परत के रूप में एकत्रित हो जाती है। फ्लास्क को ठण्डा करके एक पृथक्कारी फनल की सहायता से अम्ल की परत को नाइट्रोबेन्जीन की परत से अलग कर देते हैं। नाइट्रोबेन्जीन को क्रमशः सोडियम कार्बोनेट विलयन और जल से धोकर निर्जल कैल्सियम क्लोराइड के ऊपर सुखाते हैं। फिर एक सूखे हुए वायु-संघनित्र लगे आसवन फ्लास्क में उसका आसवन करते हैं। शुद्ध नाइट्रोबेन्जीन 208- 211°C ताप रेन्ज में आसवित होकर ग्राही में एकत्रित हो जाती है।
रासायनिक गुण
अपचयन :
नाइट्रोबेन्जीन का अपचयन निम्नलिखित पदों में होता है
नाइट्रोबेन्जीन का अपचयन उत्पाद माध्यम के pH और अपचायक की प्रकृति पर निर्भर करता है।
1. अम्लीय माध्यम में अपचयन :
टिन और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ( Sn + HCl), या आयरन और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (Fe+ HCl), द्वारा नाइट्रोबेन्जीन का ऐनिलीन में अपचयन होता है।
2. उदासीन माध्यम में अपचयन :
ऐलुमिनियम-मर्करी युग्म और जल, या जिंक चूर्ण और अमोनियम क्लोराइड (Zn + NH4Cl), द्वारा नाइट्रोबेन्जीन का फेनिलहाइड्रॉक्सिल ऐमीन में अपचयन होता है।
बेन्जीन वलय की प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ।
1. सल्फोनीकरण :
नाइट्रोबेन्जीन को सधूम सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करने पर m-नाइट्रोबेन्जीनसल्फोनिक अम्ल बनता है।
2. हैलोजनीकरण :
नाइट्रोबेन्जीन की क्लोरीन के साथ क्रिया कराने पर m-क्लोरोनाइट्रोबेन्जीन बनती
उपयोग :
विलायक के रूप में।
मिरबेन के तेल के नाम से जूतों की पॉलिश और साबुन बनाने में सस्ती सुगन्ध के रूप में।
ऐनिलीन और ऐजो-रंजकों (azo-dyes) के निर्माण में। 4. ऑक्सीकारक के रूप में।