(i) ऐस्प्रिन औषधि हृदयाघात से बचाती है, क्योंकि यह रक्त स्कन्दन रोधी होती है अर्थात् यह रक्त के स्कन्दित होने को कम करती है और स्कन्दित रक्त को तरल में परिवर्तित करती है जिससे रक्त का सुचारु प्रवाह शरीर में होता रहता है और हम हृदयाघात से बच जाते हैं।
(ii) डायबिटीज रोगियों को प्राकृतिक मधुरकों के स्थान पर कृत्रिम मधुरक लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि प्राकृतिक मधुरक रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं, जबकि कृत्रिम मधुरक रक्त शर्करा का स्तर नहीं बढ़ाते हैं जिससे रोगी स्वस्थ रहता है।
(iii) अपमार्जकों में अत्यधिक शाखित हाइड्रोकार्बन श्रृंखलाएँ होती हैं जिन्हें जीवाणु अपघटित नहीं कर पाते हैं, जबकि साबुन को जीवाणु आसानी से अपघटित कर देते हैं। इसलिए अपमार्जक जैव अनिम्नीकरणीय व साबुन जैव निम्नीकरण होते हैं।