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in Class 12 by kratos

लक्षण प्ररूपी (फीनोटाइपिक) अनुकूलन की परिभाषा दीजिए। एक उदाहरण भी दीजिए।

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by kratos
 
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लक्षण प्ररूपी अनुकूलन जीवों का ऐसा विशेष गुण है जो संरचना और कार्यिकी की विशेषताओं के द्वारा उन्हें वातावरण विशेष में रहने की क्षमता प्रदान करता है। मरुस्थल के छोटे जीव, जैसे-चूहा, सॉप, केकड़ा दिन के समय बालू में बनाई गई सुरंग में रहते हैं तथा रात को जब तापक्रम कम हो जाता है तब ये भोजन की खोज में बिल से बाहर निकलते हैं। मरुस्थलीय अनुकूलन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण ऊँट है। इसके खुर की निचली सतह,चौड़ी और गद्देदार होती है। इसके पीठ पर संचित भोजन के रूप में वसा एकत्रित रहती है जिसे हंप कहते हैं। भोजन नहीं मिलने पर इस वसा का उपयोग ऊँट ऊर्जा के लिए करता है। जल उपलब्ध होने पर यह एक बार में लगभग 50 लीटर जल पी लेता है जो शरीर के विभिन्न भागों में शीघ्र वितरित हो जाता है। उत्सर्जन द्वारा इसके शरीर से बहुत कम मात्रा में जल बाहर निकलता है। यह प्रायः सूखे मल का त्याग करता है।

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