भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) – 3 दिसम्बर, 1984 की मध्यरात्रि में भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड कम्पनी के कारखाने के एक संयन्त्र से दुर्घटनावश निकली गैसों के कारण अनेक लोगों की सोते हुए अकारण ही मृत्यु हो गयी तथा बहुत से लोग कई अन्य असाध्य बीमारियों के शिकार हो गये। यह घटना ‘भोपाल गैस त्रासदी’ (Bhopal gas tragedy) के नाम से जानी जाती है। इस कारखाने में मिथाइल आइसो सायनेट (M.I.C.) जैसी विषैली गैस (जिसका उपयोग सीवान नामक कीटनाशक उत्पाद बनाने में किया जाता था) के रिसाव से लगभग 2 हजार व्यक्तियों की जाने गईं तथा हजारों लोग आँख और श्वास के गम्भीर रोगों के शिकार हुए। यह भी अनुमान है कि इस संयन्त्र से निकली गैसों में M.I.C. के साथ एक और बहुत ही विषैली गैस ‘फॉस्जीन’ (phosgene) भी थी।