मानव एवं अन्य जीवों के समुचित विकास एवं वृद्धि के लिए वन संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए सभी लोगों की भागीदारी होनी चाहिए। अगर वन-क्षेत्र के आस-पास के लोग इसे बचाने के लिए सजग रहेंगे तो वर्तमान पीढ़ी की जरूरत पूरी होगी एवं भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति की क्षमता भी बनी रहेगी। भारत में वन संरक्षण में लोगों की भागीदारी सदियों से रही है। चिपको आन्दोलन (Chipko Movement) – चिपको आन्दोलन डॉ० सुन्दरलाल बहुगुणा की अगुवाई में शुरु हुआ। सन् 1974 में हिमालय के गढ़वाल में जय ठेकेदारों द्वारा वृक्षों को काटने की प्रक्रिया आरम्भ हुई तो इन्हें बचाने के लिए स्थानीय महिलाओं ने अदम्य साहस का परिचय दिया। वे वृक्षों से चिपकी रहीं एवं वृक्षों को काटे जाने से रोकने में सफल रहीं। इसी प्रयास ने आन्दोलन का रूप लिया एवं चिपको आन्दोलन के रूप में विश्वविख्यात हुआ।