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in Class 12 by kratos

रेडियोधर्मी प्रदूषण क्या है? रेडियोधर्मी प्रदूषण फैलाने वाले किन्हीं दो रेडियोधर्मी पदार्थों के नाम लिखिए।

या

रेडियोधर्मी प्रदूषण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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by kratos
 
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रेडियोधर्मी प्रदूषण

परमाणु शक्ति उत्पादन केन्द्रों और परमाणवीय परीक्षणों से जल, वायु तथा भूमि का प्रदूषण होता है जो आज की पीढ़ी के लिए ही नहीं वरन् आने वाली पीढ़ियों के लिए भी हानिकारक सिद्ध होता है। एक नाभिकीय विस्फोट (nuclear *****) के द्वारा इलेक्ट्रॉन (electrons), प्रोटॉन (protons) के साथ-ही-साथ न्यूट्रॉन (neutrons) तथा α (ऐल्फा) एवं β (बीटा) कण प्रवाहित होते हैं जिनके कारण गुणसूत्रों (chromosomes) पर उपस्थित जीन्स (genes) में उत्परिवर्तन (mutations) उत्पन्न होते हैं जो आनुवंशिक होते हैं। नाभिकीय विस्फोट से विस्फोटन के स्थान पर तथा उसके आस-पास बहुत अधिक जीव हानि होती है और लम्बी अवधि में यह समस्त संसार के लिए भी हानिकारक होता है। इस प्रकार के विस्फोट से लन्दन, न्यूयॉर्क तथा दिल्ली जैसे बड़े शहर भी शीघ्र ही नष्ट किए जा सकते हैं तथा वैज्ञानिकों के पास अभी तक इससे बचाव के कोई साधन नहीं हैं।

प्रायः 16 किमी तक चारों ओर के स्थान में इससे सारी लकड़ी जल जाती है। विस्फोट के स्थान पर तापक्रम इतना अधिक हो जाता है कि धातु तक पिघल जाती हैं। एक विस्फोट के समय उत्पन्न रेडियोधर्मी पदार्थ वायुमण्डल की बाह्य परतों में प्रवेश कर जाते हैं, जहाँ पर वे ठण्डे होकर संघनित अवस्था में बूंदों का रूप ले लेते हैं और बाद में ठोस अवस्था में बहुत छोटे धूल के कणों के रूप में वायु में विसरित हो जाते हैं और वायु के झोंकों के साथ समस्त संसार में फैल जाते हैं। कुछ वर्षों के पश्चात् ये रेडियोधर्मी बादल धीरे-धीरे पृथ्वी पर बैठने लगते हैं। सभी नाभिकीय विस्फोटों के द्वारा प्राय: 5% रेडियोधर्मी स्ट्रॉन्शियम-90 (strontium-90) मुक्त होता है जिससे जल, वायु तथा भूमि का प्रदूषण होता है।

यह घास तथा शाकों में प्रवेश पा जाता है और इस प्रकार से यह गाय व दूसरे दूध देने वाले पशुओं के द्वारा तथा मांस के द्वारा मनुष्य के शरीर में प्रवेश पा जाता है, जहाँ पर यह हड्डियों में प्रवेश कर, कैन्सर तथा अन्य आनुवंशिक रोग उत्पन्न करता है। बच्चों को यह अधिक हानि पहुँचाता है। आयोडीन131(Iodine131) थाइरॉइड को उत्तेजित करता है तथा लसिका गाँठों, रुधिर कणिकाओं व अस्थि मज्जा को नष्ट करके ट्यूमर (tumour) उत्पन्न करती है। द्वितीय महायुद्ध में 6 अगस्त सन् 1945 व 9 अगस्त सन् 1945 को क्रमशः नागासाकी तथा हिरोशिमा में हुए परमाणु बम के विस्फोट से लाखों मनुष्यों की मृत्यु के अतिरिक्त बहुत से लोग अपंग हो गए थे और बहुत से रोग उनकी सन्तति में भी उत्पन्न हुए।

पराबैंगनी (UV) किरणें DNA, RNA व प्रोटीनों को प्रभावित करती हैं। पराबैंगनी विकिरणों (UV radiations) के कारण जिरोडर्मा पिगमेण्टोसम (xeroderma pigmentosum) नामक त्वचा का रोग हो जाता है। सीजियम137 (Cs137) उपापचयिक क्रियाओं में बाधा उत्पन्न करता है।

26 अप्रैल सन् 1986 में रूस में चिरनोबिल (Chernobyl) स्थित परमाणु शक्ति केन्द्र से लगभग 1,35,000 व्यक्तियों को वहाँ से तुरन्त हटाया गया और 1.5 लाख को सन् 1991 तक हटाया गया। लगभग 6.5 लाख व्यक्ति इससे प्रभावित हुए हैं जिनमें कैन्सर, थाइरॉइड, मोतियाबिन्द तथा प्रतिरक्षा तन्त्र के क्षीण होने की सम्भावना है। मानवीय भूल के कारण घातक रेडियोधर्मी कण कई किलोमीटर वातावरण में प्रविष्ट हो गए थे जिसके कारण अनेक व्यक्ति हताहत हुए थे।

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