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in Class 10 by kratos

आपकी दृष्टि में इस कविता का सौंदर्य इनमें से किस पर निर्भर करता है-

(क) अनेक शब्दों की आवृत्ति पर।

(ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर।

(ग) कविता की संगीतात्मकता पर।

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by kratos
 
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मेरी दृष्टि में कविता का सौंदर्य शब्दों की आवृत्ति, काव्य की चित्रमयी भाषा और कविता की संगीतात्मकता तीनों पर ही निर्भर करता है। यद्यपि इनमें से किसी एक के कारण भी सौंदर्य वृद्धि होती है पर इन तीनों के मिले-जुले प्रभाव के कारण कविता का सौंदर्य और निखर आता है; जैसे-

(क) अनेक शब्दों की आवृत्ति पर।

  1. पल-पल परिवर्तित प्रकृति-वेश।

  2. मद में नस-नस उत्तेजित कर

  3. गिरिवर के उर से उठ-उठ कर शब्दों की आवृत्ति से भावों की अभिव्यक्ति में गंभीरता और प्रभाविकता आ गई है।

(ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर

  1. मेखलाकार पर्वत अपार

  2. अवलोक रहा है बार-बार

  3. है टूट पड़ा भू पर अंबर!

  4. फँस गए धरा में सभय ताल!

  5. झरते हैं झाग भरे निर्झर।

  6. हैं झाँक रहे नीरव नभ पर। शब्दों की चित्रमयी भाषा से चाक्षुक बिंब या दृश्य बिंब साकार हो उठता है। इससे सारा दृश्य हमारी आँखों के सामन घूम जाता है।

(ग) कविता की संगीतात्मकता पर

  1. अवलोक रहा है बार-बार

नीचे जल में निज महाकार,

  1. मोती की लड़ियों-से सुंदर

झरते हैं झाग भरे निर्झर!

  1. रव-शेष रह गए हैं निर्झर !

है टूट पड़ा भू पर अंबर !

कविता में तुकांतयुक्त पदावली और संगीतात्मकता होने से गेयता का गुण आ जाता है।

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