‘विश्व-शलभ’ दीपक के साथ क्यों जल जाना चाहता है?
जिस प्रकार पतंगा दीपक पर मोहित होकर अपने आप को रोक नहीं पाता और राख हो जाता है, उसी प्रकार संपूर्ण विश्व अर्थात् मनुष्य मात्र अपने जीवन को विषय-विकारों, लोभ, मोह तथा धन संग्रह के आकर्षण और आसक्ति में हँसकर जल जाना चाहता है।