नीचे दी गई काव्य-पंक्तियों को पढ़िए और प्रश्नों का उत्तर दीजिए-
जलते नभ में देख असंख्यक,
स्नेहहीन नित कितने दीपक;
जलमय सागर का उर जलता,
विद्युत ले घिरता है बादल !
विहँस विहँस मेरे दीपक जल !
‘स्नेहहीन दीपक’ से क्या तात्पर्य है?
सागर को ‘जलमय’ कहने का क्या अभिप्राय है और उसका हृदय क्यों जलता है?
बादलों की क्या विशेषता बताई गई है?
कवयित्री दीपक को ‘विहँस विहँस’ जलने के लिए क्यों कह रही हैं?