सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री-समाज ने एक अहम भूमिका निभायी थी। स्त्री समाज ने जगह-जगह से जुलूस निकालने की तथा ठीक स्थान पर पहुँचने की तैयारी और कोशिश की थी। स्त्रियों ने मोनुमेंट की सीढ़ियों पर चढ़कर झंडा फहरा करे घोषणा-पत्र पढ़ा था तथा पुलिस के बहुत-से अत्याचारों का सामना किया था। विमल प्रतिभा, जानकी देवी और मदालसा आदि ने जुलूस का सफल नेतृत्व किया था।