देश में अलग-अलग अनेक स्थानों पर राजा एवं नवाब कंपनी का विरोध कर रहे थे। जब लेफ़्टीनेंट ने देखा कि वज़ीर अली, टीपू सुल्तान तथा बंगाल के नवाब शमसुद्दौला ने बाहरी देशों जैसे अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिंदुस्तान पर हमला करने की दावत दे दी है, तो उसे ऐसा लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है अर्थात् हिंदुस्तान में चारों ओर से कंपनी के खिलाफ युद्ध की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं।