इफ़्फ़न के दादा परदादा बहुत प्रसिद्ध मौलवी थे। वे काफ़िरों के देश में पैदा हुए और काफ़िरों के देश में मरे। वे यह वसीयत करके मरे कि लाश करबला ले जाई जाए। उनकी आत्मा ने इस देश में एक साँस तक न ली। उस खानदान में जो पहला हिंदुस्तानी बच्चा पैदा हुआ वह बढ़कर इफ़्फ़न का बाप हुआ। इसके बाद इफ़्फ़न और अन्य सदस्यों के रूप में यह परिवार भारत को होकर रह गया।