निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
क्या किसी ac परिपथ में प्रयुक्त तात्क्षणिक वोल्टता परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़े गए अवयवों के सिरों पर तात्क्षणिक वोल्टताओं के बीजगणितीय योग के बराबर होता है? क्या यही बात rms वोल्टताओं में भी लागू होती है?
प्रेरण कुण्डली के प्राथमिक परिपथ में एक संधारित्र का उपयोग करते हैं।
एक प्रयुक्त वोल्टता संकेत एक dc वोल्टता तथा उच्च आवृत्ति के एक ac वोल्टता के अध्यारोपण से निर्मित है। परिपथ एक श्रेणीबद्ध प्रेरक तथा संधारित्र से निर्मित है। दर्शाइए कि dc संकेत C तथा ac संकेत L के सिरे पर प्रकट होगा।
एक लैम्प से श्रेणीक्रम में जुड़ी चोक को एक dc लाइन से जोड़ा गया है। लैम्प तेजी से चमकता है। चोक में लोहे के क्रोड को प्रवेश कराने पर लैम्प की दीप्ति में कोई अन्तर नहीं पड़ता है। यदि एक ac लाइन से लैम्प का संयोजन किया जाए तो तदनुसार प्रेक्षणों की प्रागुक्ति कीजिए।
ac मेंस के साथ कार्य करने वाली फ्लोरोसेंट ट्यूब में प्रयुक्त चोक कुण्डली की आवश्यकता क्यों होती है? चोक कुण्डली के स्थान पर सामान्य प्रतिरोधक का उपयोग क्यों नहीं होता?