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in Class 12 by kratos

इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की विभेदन-क्षमता प्रकाशीय इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की तुलना में अधिक क्यों होती है?

या

इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की उपयोगिता बताइए।

या

समझाइए कि किसी इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की विभेदन क्षमता, प्रकाश सूक्ष्मदर्शी से अधिक क्यों होती है?

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by kratos
 
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इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी- आजकल अतिसूक्ष्म वस्तुओं के चित्र लेने के लिए इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी (electron microscope) काम में लाया जाता है। इसमें प्रकाश पुंज के स्थान पर तीव्रगामी इलेक्ट्रॉन पुंज को प्रयुक्त करते हैं। इलेक्ट्रॉन पुंज तरंग की तरह व्यवहार करता है जिसकी तरंगदैर्घ्य डी-ब्रॉगली के सिद्धान्तानुसार λ = (h/mυ) बहुत छोटी अर्थात् 1 की कोटि (order) की होती है। यह दृश्य प्रकाश की तरंगदैर्ध्य से लगभग 5000 गुना छोटी होती है। परन्तु विभेदन-क्षमता तरंगदैर्घ्य के व्युत्क्रमानुपाती होती है। अतः इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की विभेदन-क्षमता, प्रकाशिक सूक्ष्मदर्शी की तुलना में लगभग 5000 गुना अधिक होती है। यही इस सूक्ष्मदर्शी की उपयोगिता है।

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