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in Class 12 by kratos

हाइगेन्स के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धान्त के आधार पर परावर्तन के नियमों की व्याख्या कीजिए।

या

हाइगेन्स के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धान्त के आधार पर प्रकाश के परावर्तन की व्याख्या कीजिए।

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by kratos
 
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हाइगेन्स के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धान्त के आधार पर प्रकाश के परावर्तन के नियमों की व्याख्या- चित्र में ZZ’ एक परावर्तक पृष्ठ है। जिस पर ABएक समतल तरंगाग्र कोण i के झुकाव पर आपतित है। माना कि है = 0समय पर तरंगाग्र, पृष्ठ ZZ’ को बिन्दु A पर स्पर्श करता है। माना कि तरंगाग्र की चाल v है तथा तरंगाग्र, के बिन्दु B को पृष्ठ के बिन्दु A तक पहुँचने में है समय लगता है। जैसे-जैसे तरंगाग्र AB आगे बढ़ता है, वह परावर्तक पृष्ठ के A व A’ के बीच के बिन्दुओं से टकराता जाता है। हाइगेन्स के सिद्धान्त के अनुसार, A व A’ के बीच स्थित ये सभी बिन्दु नये तरंग स्रोतों का कार्य करते हैं। इनमें नई गोलीय तरंगिकाएँ सभी दिशाओं में निकलती हैं जो चाल के माध्यम से फैलती हैं। सबसे पहले बिन्दु A से द्वितीयक तरंगिका चलती है जो t समय में AB’ (= vt) दूरी तय करती है। परन्तु इसी समय में तरंगाग्र का बिन्दु B, दूरी BA’ चलकर A’ को स्पर्श कर लेता है, यहाँ से भी अब द्वितीयक तरंगिका चलनी शुरू हो जाती है। उपर्युक्त से स्पष्ट है कि

AB’ = BA’ = vt ……(1)

बिन्दु A को केन्द्र मानते हुए AB’ त्रिज्या का एक गोलीय चाप खींचते हैं तथा A’ से इस चाप पर स्पर्श रेखा (tangent) A’B’ खींच लेते हैं। जैसे-जैसे आपतित तरंगाग्र AB आगे बढ़ता है, परावर्तक पृष्ठ के A व A’ के बीच स्थित सभी बिन्दुओं से एक के बाद एक चलने वाली द्वितीयक तरंगिकाएँ भी एक साथ A’B’ को स्पर्श करेंगी, अथवा A’B’ सभी द्वितीयक तरंगिकाओं को स्पर्श करती है। हाइगेन्स के अनुसार यह A’B’ ही परावर्तित तरंगाग्र है। माना कि यह पृष्ठ ZZ’ से r कोण के झुकाव पर है। अब समकोण त्रिभुज ABA’ तथा A’B’A में भुजा AA’ उभयनिष्ठ है तथा BA = AB’; अत: दोनों त्रिभुज सर्वांगसम (congruent) हैं, इसलिए कोण BAA’ = कोण B’A’ A.

स्पष्ट है कि आपतित तरंगाग्र AB तथा परावर्तित तरंगाग्र A’ B’ परावर्तक पृष्ठ ZZ’ से बराबर कोण बनाते हैं। चूँकि तरंगाग्र के अभिलम्बवत् खींची गई रेखा किरण होती है, अतः आपतित तथा परावर्तित किरणे पृष्ठ ZZ’ खींचे गये अभिलम्ब से भी बराबर कोण बनाती हैं। अतः

आपतन कोण i = परावर्तन कोण r (यह परावर्तन का दूसरा नियम है।)

चूँकि AB, A’B’ व ZZ’ कागज के तेल में हैं। इन पर खींचे गये अभिलम्ब भी एक तल में होंगे। इस प्रकार आपतित किरण,

परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में है। यही परावर्तन का प्रथम नियम है।

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