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in Class 12 by kratos

(a) एक निर्वात नली के तापित कैथोड से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की उस चाल का आकलन कीजिए, जिससे वे उत्सर्जक की तुलना में 500v के विभवान्तर पर रखे गए एनोड से टकराते हैं। इलेक्ट्रॉनों के लघु प्रारम्भिक चालों की उपेक्षा कर दें। इलेक्ट्रॉन का आपेक्षिक आवेश अर्थात् e/m = 1.76 x 1011 C kg है।।

(b) संग्राहक विभव 10 MV के लिए इलेक्ट्रॉनों की चाल ज्ञात करने के लिए उसी सूत्र का प्रयोग करें, जो (a) में काम में लाया गया है। क्या आप इस सूत्र को गलत पाते हैं? इस सूत्र को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?

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by kratos
 
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(a) त्वरक विभव V= 500 V

इलेक्ट्रॉन का आपेक्षिक आवेश e/m = 1.76 x 1011 c kg-1

माना एनोड से टकराते समय इलेक्ट्रॉनों का वेग ν है, तब इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा में वृद्धि

(b) पुनः इलेक्ट्रॉन की चाल

∵ इलेक्ट्रॉन की यह चाल निर्वात् में प्रकाश की चाल c= 3 x 10 m *-1 से अधिक है तथा हम जानते हैं कि कोई द्रव्य कण निर्वात् में प्रकाश के वेग के बराबर अथवा अधिक चाल से नहीं चल सकता। इससे स्पष्ट है कि इस दशा में उक्त सूत्र (K. E.1/2 = mν2) सही नहीं हो सकता।

इस दशा में इलेक्ट्रॉन की सही चाल ज्ञात करने के लिए सापेक्षता के विशिष्ट सिद्धान्त का उपयोग करना होगा। इस सिद्धान्त के अनुसार यदि कोई द्रव्य कण प्रकाश के वेग के तुलनीय वेग से गति करता है तो उसका गतिज द्रव्यमान निम्नलिख़ित होगा

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