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in Class 12 by kratos

फोटो डायोड प्रकाश संसूचक के रूप में कार्य करता है। इस कथन की पुष्टि कीजिए।

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by kratos
 
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फोटो-डायोड एक प्रकाश संवेदनशील अर्द्धचालक से बनी ऐसी p – n सन्धि है जो पश्च दिशिक होती है। यह डायोड सन्धि प्रकाश-प्रभाव (junction photo effect) अर्थात् किसी p-0 सन्धि पर आपतित प्रकाश के प्रभाव पर आधारित है। फोटो-डायोड का निर्माण करने हेतु एक p-m सन्धि जिसका p-क्षेत्र काफी पतला (thin) व पारदर्शी हो, को एक काँच या प्लास्टिक के आवरण में इस प्रकार रखते हैं कि सन्धि के ऊपरी भाग पर प्रकाश सरलता से पहुँच सके। आवरण में प्रयुक्त प्लास्टिक के शेष बचे भागों पर कालिख अथवा काला पेन्ट कर देते हैं। कभी-कभी इन भागों को धातु की चादरों से भी ढक दिया जाता है। यह सम्पूर्ण इकाई (unit) काफी सूक्ष्म लगभग 2 से 3 मिमी की कोटि की होती है।

फोटो-डायोड का कार्यकारी विद्युतीय परिपथ चित्र प्रकाश (hν) में प्रदर्शित है। जब p-n सन्धि पर बिना प्रकाश डाले । पर्याप्त वोल्टेज (लगभग 0.1 वोल्ट) लगाकर पश्च दिशिक किया जाता है, तो सन्धि के दोनों ओर के अल्पसंख्यक वाहक सन्धि को पार करते हैं (क्योंकि पश्च दिशिक सन्धि अल्पसंख्यक वाहकों को सन्धि पार करने में सहयोग करती है)। जिसके फलस्वरूप एक संतृप्त (saturated) परन्तु लघु धारा (कुछ μ A की) प्रवाहित होने लगती है।

जिसकी दिशा सन्धि पर n-क्षेत्र से p-क्षेत्र की ओर होती है। इस धारा को अदीप्त धारा (dark current) कहते हैं। अब यदि इसी समय p-n सन्धि पर इतनी ऊर्जा का प्रकाश जिसका परिमाण सन्धि के निषिद्ध ऊर्जा-अन्तराल Eg से अधिक (hν > Eg) हो, डाला जाये, तो p-n सन्धि पर आपतित फोटॉन अर्द्धचालक पदार्थ के सहसंयोजी बन्धों (covalent bonds) को तोड़कर इलेक्ट्रॉन-कोटर युग्म उत्पन्न करने में सक्षम हो जाते हैं। अत: सन्धि के समीप अल्पसंख्यक वाहकों का घनत्व बढ़ जाने के कारण सन्धि के पश्च दिशिक होने के फलस्वरूप भी जब ये वाहक सन्धि को पार करेंगे तो यह सन्धि पर पश्च दिशिक के कारण उत्पन्न धारा की प्रबलता को बढ़ा देंगे। जिसके परिणामस्वरूप परिपथ की कुल धारा का मान बढ़ जायेगा। इस धारा को प्रकाश-धारा (photo current or photo conductive current) कहते हैं तथा यह आपतित प्रकाश के फ्लक्स के साथ लगभग समानुपात में बढ़ती है। फोटो-डायोडं की सन्धि को प्रदीप्त करने के पश्चात् । सन्धि पर पहले से ही उपलब्ध संतृप्त धारा के मान में हुए परिवर्तन को ज्ञात करके सन्धि पर आपतित प्रकाश की तीव्रता की गणना की जा सकती है। इस प्रकार यह डायोड प्रकाश संसूचक (light detector) की भॉति व्यवहार करता है। इस डायोड का उपयोग प्रकाश संचालित कुंजियों (light operated switches), कम्प्यूटर पंच का (computer punched cards) आदि को पढ़ने में किया जाता है।

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