1 Answer

+6 votes
by kratos
 
Best answer

इस परियोजना के तहत देश के लगभग 1,000 ग्रामीण युवाओं का जीनोम सैम्पल एकत्र करके इंडीजिनस जेनेटिक मैपिंग (Indigenous Genetic Mapping) द्वारा इनके जीनोम का अनुक्रमण किया जाएगा।

क्रियाविधि

  • जीनोम को रक्त के नमूने के आधार पर अनुक्रमित किया जाएगा जिसके अंतर्गत अधिकांश राज्यों को कवर करने के लिये कम-से-कम 30 शिविर आयोजित किये जाएँगे।
  • सभी व्यक्तियों, जिनका जीनोम अनुक्रम किया जाता है, को एक रिपोर्ट दी जाएगी। साथ ही उन्हें उनके जीन की संवेदनशीलता की जानकारी प्रदान की जाएगी।
  • सामान्यतः कई मामलों में विभिन्न विकारों का कारण एकल-जीन होते हैं।

लक्ष्य

  • लोगों को विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में CT स्कैन की भाँति जीनोम के अनुक्रमण के बारे में ज़्यादा-से-ज़्यादा जागरूक किया जाएगा क्योंकि भारत में यह प्रक्रिया काफी हद तक एक समृद्ध शहरी जनसांख्यिकी तक ही सीमित है।
  • इससे लोगों की बीमारियों का समय से इलाज सुनिश्चित किया जा सकेगा।
  • लोगों के स्वास्थ्य में होने वाले परिवर्तनों को लंबे समय तक ट्रैक किया जा सकेगा।

निष्कर्ष

  • यह परियोजना पूरे जीनोम अनुक्रमण को निष्पादित करने में भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करेगी।
  • जब से मानव जीनोम को (पहली बार 2003 में) अनुक्रमित किया गया है, इसने रोगों और प्रत्येक व्यक्ति के अद्वितीय आनुवंशिक बनावट के बीच संबंध पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है।
  • लगभग 10,000 बीमारियाँ जैसे- सिस्टिक फाइब्रोसिस, थैलेसीमिया आदि को एकल जीन की खराबी का परिणाम माना जाता है, जबकि ये जीन कुछ दवाओं के प्रति असंवेदनशील हो सकते हैं।
  • जीनोम अनुक्रमण से कैंसर जैसी बीमारी को भी आनुवांशिकी के दृष्टिकोण से समझा जा सकता है।
...