आनंदी एक बड़े घर की रूपवान, गुणवान तथा आदर्शवादी महिला है। यद्यपि वह अपने मायके में सुख-सुविधाओं में पली है, फिर भी वह परिस्थितियों के अनुकूल अपने आपको बदल सकती है। वह अपने घर की एकता बनाये रखना चाहती है और बिखरते घर को बचा लेती है। यही उसका बड़प्पन है कि बिगड़ते काम को बना लेती है।