स्वामी विवेकानंद के अनुसार भारत का पुनरुत्थान शारीरिक शक्ति से नहीं, बल्कि आत्मिक शक्ति से होगा। वह उत्थान विनाश की ध्वजा से नहीं, बल्कि शांति और प्रेम की ध्वजा से होगा। हमारी यह वृद्ध भारत माता पुनः एक बार जाग्रत होकर अपने सिंहासन पर पूर्ण वैभवता के साथ विराजमान होगी।