प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘युवाओं से’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक स्वामी विवेकानंद हैं।
संदर्भ : स्वामी विवेकानंद नवयुवकों को जागृत करते हुए कहते हैं कि भय से मनुष्य दुर्बल बन जाता है और वही उसके पतन का कारण होता है।
स्पष्टीकरण : युवा पीढ़ी को स्वामीजी हिम्मत देते हुए कहते हैं कि तुम्हें कमजोर, भयभीत नहीं होना चाहिए। निर्भीकता से ही किसी राष्ट्र की उन्नति साध्य है। भय ही. मृत्यु का कारण बनता है और इसी से पाप का जन्म होता है।