पंडिताइन चाची का स्वभाव विचित्र-सा था। उसके चिल्लाने की आवाजें बालिका महादेवी को सुनाई देती थीं। ‘उठती है या आऊँ, बैल के-से दीदे क्या निकाल रही है’, ‘मोहन का दूध कब गर्म होगा’, ‘अभागी मरती भी नहीं’ जैसे वाक्यों से वह बिन्दा को डाँटती रहती थी। वह बहुत ही कटु और उग्र स्वभाव की महिला थी।